"दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे | देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्" || जिस दान को देने का उद्देश्य केवल कर्तव्य | भावना हो, जो बिना किसी प्रतिदान की अपेक्षा के || उपयुक्त समय, स्थान और योग्य पात्र को दिया | जाए, वही दान सात्त्विक माना गया है ||

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