"दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे | देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्" || जिस दान को देने का उद्देश्य केवल कर्तव्य | भावना हो, जो बिना किसी प्रतिदान की अपेक्षा के || उपयुक्त समय, स्थान और योग्य पात्र को दिया | जाए, वही दान सात्त्विक माना गया है ||

“अन्तरशांति हमारी आत्मा का परम लक्ष्य है।”

"Inner Peace is the Ultimate Goal of Our Soul."


WhatsApp Image 2024-11-25 at 4.21.45 PM
Countdown Expired!
Welcome to Dev Foundation
Be a part of our journey of compassion and spiritual harmony